मेरा इश्क :- इश्किया फितूर की कविता
मैं मेरे इश्क से जुदा तो नही
हाँ माना कि उसकी दृष्टि से दूर हूँ
पर हाँ उससे दूर नही ।
हाँ माना कि उसकी दृष्टि से दूर हूँ
पर हाँ उससे दूर नही ।
मैं मेरे इश्क से जुदा तो नही
हाँ माना कि उससे मिलता नही
पर हाँ उसे बताये कोई कि
ड़ूबा रहता हूँ उसमे
हाँ माना कि उससे मिलता नही
पर हाँ उसे बताये कोई कि
ड़ूबा रहता हूँ उसमे
मैं मेरे इश्क से जुदा तो नही
हाँ माना कि वो मेरा नही
पर हाँ उसे बताये कोई कि
मेरा सच्चा इश्क है वो ।
हाँ माना कि वो मेरा नही
पर हाँ उसे बताये कोई कि
मेरा सच्चा इश्क है वो ।
©देवेश कुमार
छायाचित्र :- इंटरनेट से।
छायाचित्र :- इंटरनेट से।