Wednesday, August 23, 2017

मेरा इश्क :- इश्किया फितूर की कविता

मेरा इश्क :- इश्किया फितूर की कविता
मैं मेरे इश्क से जुदा तो नही
हाँ माना कि उसकी दृष्टि से दूर हूँ
पर हाँ उससे दूर नही ।
मैं मेरे इश्क से जुदा तो नही
हाँ माना कि उससे मिलता नही
पर हाँ उसे बताये कोई कि
ड़ूबा रहता हूँ उसमे
मैं मेरे इश्क से जुदा तो नही
हाँ माना कि वो मेरा नही
पर हाँ उसे बताये कोई कि
मेरा सच्चा इश्क है वो ।
©देवेश कुमार
छायाचित्र :- इंटरनेट से।

Monday, August 21, 2017

Aakhiri Mulakat - आखिरी मुलाकात

     
 -: आखिरी मुलाकात - एक इश्किया कविता :-


याद है तुम्हे
वो अपनी आखिरी मुलाकात
वही मुलाकात
जो दोनों के बिछड़ने के ठीक  पहले हुई थी

कितनी ही कि थी आपस मे हमने बात
फिर भी अधूरी रह गई थी
अपनी अनगिनत बात

सच कहो याद है ना तुम्हे
अपनी वो आखिरी मुलाकात

वादा किया था दोनों ने
देखेंगे मध्यरात्री का चाँद हर रात
देखकर चाँद को इक दूजे को
याद करेंगे हर रात

सच मुच याद है ना तुम्हे
अपनी वो आखिरी मुलाकात

मैंने कहा था कि कुछ भी हो
कितनी भी दूर रहे हम
लेकिन रहूँगा हमेशा तुम्हारे साथ

तुम शायद भूल भी गई हो तो
कोई बात नही
मेरे बाद भी याद रखेगी
मेरी हर बात ये कायनात ।
©देवेश कुमार
छायाचित्र :- इंटरनेट से

बलात्कार कि खोज?

कोई बतायेगा कि बलात्कार की खोज किसने कि?? बहुत सोचा परन्तु कोई उचित जवाब नही मिला। पुरातन काल में कुछ तुच्छ ॠषि-मुनियों ने ऐसा किया ...